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Showing posts from May, 2017

डॉक्टर ने अगर ब्लड चढ़ाने को कहा है तो ऐसे में क्या करे? यह पोस्ट पढ़े आपकी समस्या हल हो जायेगी .

तमाम बीमारियों और ऑपरेशनों   में ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ जाती है। ऐसे में मरीज के घरवालों के  सामने असली चुनौती यह होती है कि वे सेफ ब्लड का इंतजाम कहां से करें। साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि मरीज को ब्लड चढ़ाने का प्रॉसेस ठीक तरीके से पूरा हो और उसमें पूरी तरह से सावधानी बरती जाए। अगर ब्लड की जरूरत पड़ जाए तो किन बातों का रखें ध्यान... जब भी किसी मरीज को ब्लड की जरुरत पड़े तो सबसे पहला काम ब्लड बैंक में जाकर पता करे की वहाँ वह रक्त मौजूद है या नहीं. अगर ब्लड बैंक में रक्त उपलब्ध है तो आपको भटकने की जरुरत नहीं रह जाती है ,   ब्लड बैंक से ब्लड लेने के लिए आपको स्वयं को या परिचित रिश्तेदार को ब्लड बैंक में बदले में रक्त देना पड़ता है. मतलब आपको जिस ग्रुप के रक्त की जरुरत है वह वहां से मिल जायेगा मगर बदले में आपको किसी भी रक्त समूह का ब्लड ,   ब्लड बैंक में देना होगा. यह ब्लड बैंक का प्रोसेस है. अब अगर आप ब्लड बैंक जाते है और वहा आपको जो रक्त चाहिए वह नहीं मिलता है तो अब ऐसे में आपको उसी ब्लड ग्रुप का डोनर लाने की जरुरत हो उठती है. यह कोई समस्या नहीं है. अमूमन पोसिटिव ब्लड

कंप्यूटर ऑपरेटर विजय चौधरी ने दिया मानवता का परिचय

17.05.2017 शिवम हॉस्पिटल में एक महीला के बच्चे दानी के ऑपरेशन के लिए ओ पॉजिटिव रक्त की जरुरत पड़ी. परिजनों द्वारा अपना ब्लड बैंक में संपर्क किया गया जहाँ ओ पोसिटिव रक्त उपलब्ध नहीं था. परिजन के साथ उपस्थित दुर्जन सिंह जी के प्रयास सराहनीय रहे की उन्होंने कई डोनर से संपर्क किया और समूह से भी सहायता मांगी. चिकित्सालय परिवार के ही विजय चौधरी, कंप्यूटर ऑपरेटर को जब इस बात का पता चला तो वे मानवता का परिचय देते हुए रक्तदान करने आगे आये. आप भी मानवता का परिचय देवे और दूसरों की मदद करे.

आये थे काउंसलिंग करवाने और दे दिया जीवनदान

बाड़मेर जिले के राजकीय महाविद्यालय के  एक व्याख्याता जो अपनी पत्नी की शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 की काउंसलिंग करवाने पंचायत समिति सभागार बाड़मेर में आये हुए थे. राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर में एक महीला को अत्यधिक रक्तस्त्राव के कारण एबी नेगेटिव रक्त चढ़ाने की जरुरत पड़ी. काफी मशक्कत करने के बाद भी यह रक्त मिलना मुश्किल हो रहा था. अंत में ब्लड बैंक वालों ने बाड़मेर रक्तदाता समूह से संपर्क करने की सलाह दी. भूराराम सारण ने समूह संचालक से संपर्क किया. समूह संचालक ने जैसे ही व्याख्याता बाबु लाल मेघवाल को मरीज की स्तिथी बताई तो वे तुरंत तैयार हो गये. अपनी पत्नी को काउंसलिंग में छोड़ मेघवाल रक्तदान को आये. मेघवाल व्याख्याता है और उन्होंने जीवन का अनुभव करवा दिया. जाते जाते एक शिक्षा दे गये की जीवन अनमोल है, जितनी हो सके हर किसी की मदद करनी चाहिए.