बाड़मेर ब्लड डोनर्स में आप सभी का स्वागत है रक्तदान महादान....रक्तदान पूजा समान... वगैरह... आमतौर पर इस तरह के नारे और स्लोगन सुनने को मिल ही जाते हैं पर आखिर रक्तदान इतना जरुरी है या ऐसे ही ? आज इस विषय पर गहन विचार की जरुरत है. इसमें कोई दो राय नहीं कि रक्त का कोई दूसरा विकल्प नहीं है यानी यह किसी फैक्ट्री में नहीं बनता और ना ही इंसान को जानवर का खून दिया जा सकता है. यानी रक्त बहुत ज्यादा कीमती है. रक्त की मांग दिनों-दिन बढ़ती जा रही है , परंतु जागरुकता ना होने की वजह से लोग देने से हिचकिचाते हैं. ज्यादातर लोग सोचते है - इतने लोग रक्त दान कर रहे हैं तो मुझे क्या जरुरत पड़ी है... या भई , मेरा ब्लड ग्रुप तो बहुत आम है , ये तो किसी का भी होगा , तो मैं ही क्यों दान करुँ. अब उनकी यह सोच सही इसलिए नहीं क्योंकि कि आम ब्लड होने के कारण उस समूह के रोगी भी तो ज्यादा आते होगें. यानि उस ग्रुप की मांग भी उतनी ही ज्यादा होगी. या फिर कई लोग यह सोचते है कि भाई , मेरा ग्रुप तो रेयर है , यानी खास है तो मैं तब ही रक्त दूंगा जब जरुरत होगी. ऐसे में तो यही बात सामने आती है कि
(बचाएँ किसी की जान, करे रक्तदान)